खिस्सा

खिस्सा उन त कपडा़ कि सिलीं थैलकि होंदु पर यैकि महिमा अपार छ अर यैकि दासि सारि पिरथि छ किलै कि मनखि न...

मनखि रे

मनखि रे तेरा मन की नि जाणि कैन, नि पछाणि कैन खिल-खिल हैंसदा मुखड़ा ,पित्त पक्यां जिकुड़ा आस विस्वास कि डाळि, सुकाई त्वैन छपकाई त्वैन मनखि रे तेरा...

टुख्ख

टुख्ख, यनि कांगसा जु मनखि,चैन-पसु, डाळि-बोटि मर्ंया-ज्यूंदा सबु म पकदि एक यनि तृष्णा जींकु क्वी ओर छोर नी टुख्ख पौंछणक दिन रात हाड-मांस गळौण पड़दन अर काया ह्वै जांदि क्वांसि जन-जन टुख्ख...

तेरि याद

आई तेरि याद, तब आई तेरि याद क्वी कुटमुणी जु देखि फूल बणदा क्वी भांैरू देखि फूल पर उड़दा तब आई तेरि याद कैकि गल्वाड़्यौं म एक लटुली...

गैल्या परदेसी

गैल्या परदेसी हे भौंर परदेसी तु छै घड़ेकौ उलार जन सुपन्यू त्यौहार मेळा कौथीगै कि भीड़ व्याखुनी दाँ वार पार आँखि बच्याली ज्यू मिलला माया कि बरखा म...

जिकुड़ि म माया

जिकुड़ि म माया जिकुड़ी म माया कु द्यू जगिगे मैन त देख्याली,यूं आंख्यौं म देख्याली मन मेरा भि माया कि झौळ लगीगे मै भि देख्यााली,यूं आंख्यौं म देख्याली खुटी...

मन भौंर

मन भौंर पापी रिंगि-रिंगि औंदु त्वै पर जुगत् जन्त जोड़ि हार्यों त्वै बिसरूं कनै रूपौ समोदर देखि बांदु कि डार लंगत्यार अणगाई अटकळी नी क्वी,खोजी एक तेरी...

अबीर गुलाल

ऐंसु फागूण इनु रंग लीक एै जु गात हि ना मन भि रंगै द्यौ अबीर गुलाल लगी, पिंगळू लाल लगी फोंजि त फुंज्यैगे उड़िगे ध्वैयेगे ऐंसु फागूण इनु...

उमाळ

फेर उमळी उमाळ जिकुड़ि म तर खत्यैनि आंसु मुखड़ि म सरिन बादळ खुद क जिकुड़ि म बरख्या बादळ आंसु क मुखड़ि म तेरि माया कि कुटमुणि फूल...

खित हैंसिक

वत खित हैंसिक बाट लगिगे मेरि जिकुड़ी अबाट धोळिगे ह्वैगे स्य जोन मै चकोर स्वाणा सुपन्यों क बग्वान मा झिल मिल ख्यालु क असमान मा उडणु छौं लगिन पंखूर कुमळाईं...