Poetry

सुपन्यू देखी छयो

सुपन्यू देखी छयो जू पूरू ह्वैगे आस कै छै जैकी, उ मेरू ह्वैगे मन बोळ्नू छ उडणौ, नचणौ छमा छम्म जग्वाळ मेरी पाठ पड़िगे सजायूं सुपन्यू सच्चू ह्वैगे मै...

बुरा सुपन्या

अचक्याल मैतैं बुरा-बुरा सुपन्य आणा छन हाथ म लिन्यूं छ टिपड़ू पण्डा जि दिखेणा छन सीधु साधु लाटु कालू बै बाबू कु भक्त छौं मै ब्यौ...

जगवाळ

छै तु भि हुयाीं गुप चुप,छौं मैभि होयुं चुप-चुप फूल हमारी माया कु खिललू कनक्वै मन त्वैमा मैन जब खोली थौ सोचि द्यौलु जबाब त्वैन बोली थौ मै...

घड़ेक

माया की द्वि छ्वीं छक्की छन उमर भरक औ बैठ घड़ेक भ्वां बैठ घड़ेक ज्यू हळकू कैजा खट्टी मिठ्ठी लैजा कुछ समूण दीजा,समळौण लीजा उमर भरक सुपन्यौं कि...

अपड़ु कपाळ

मै पाड़ छौं इ ढुगां मेरा हाटगा छिन यु माटु मेरू मांस छ अर इ इाळि बुर्दि मेरि जुनखि छिन मेरू मान सम्मान ज्यू ज्यान छिन पर मेरा अपड़ा विराणा...

पिड़ा

घर गौं मुल्क छुटण की क्य होंदि पिड़ा उठण की पड़ा ऊं आंख्याौं म बिती जौं पर पुछा टीरि क रैबास्यौं बिती जौं पर कम्पनसेसन का पैसौंन कुड़ि...

मेरू मैत

मेरू मैत पाणी म समाणू छ गौं मुल्क पाणी म समाणू छ धारा मंगरा...

फौजि

जणि लियूं चा, अजाणम् लियूं छ भल्यां मा लियूं , चा औख्यांमा लियूं छ जन भी हो बस, चित बुझायूं छ फौजी छौं, सेवा धरम लियूं छ देस...

निर्मोही बजार

नि लगदू मन हे मां यै निर्मोही बजार मां निठुरी घरती स्वार्थी मनखी अबंेडु समाज नी छ कीमत जीवन की हे मां यै...

कु नजर

बाड़ बंणाग मनस्वाग,कबर्योेेेेंकु भ्यूंचाळ कैकि नजर लगि होलि मेरा कुमौं गढवाळ हव बदळीं-बदळीं सळ-सळु ह्वै पाणी गैल अपड़ा विराणा तौभि खळ-खळु पराणी पंचनाम बौगा हुयां बौगु खेतरपाल कैकि...

उकाळ उंदार

उकाळि उंदार्यों हिटदा-हिटदा थकिगे होलु जरा सि थौ खयाल मिठ्ठु बांज कि जड़्यों कु पाणि पियाल जरा सि थौ खयाल जंकदु जोड़दू रई भोगी नि सकी दौड़दु भागदु रई...

मुसा रे मुसा

मुसा रे मुसा ,अलखणि मुसा जै घर खांदु तु वै घर खोंदु दोख्खि अघोरि तु कैकु नि होंदु बैं बूति पुंगड़ी फसल जमै बढै खांदि बत त्वैन मुसदुळा...

मनखि रे

मनखि रे तेरा मन की नि जाणि कैन, नि पछाणि कैन खिल-खिल हैंसदा मुखड़ा ,पित्त पक्यां जिकुड़ा आस विस्वास कि डाळि, सुकाई त्वैन छपकाई त्वैन मनखि रे तेरा...

पैलित् यूँ आंख्यों म…….

पैलित् यूँ आंख्यों म बसी नी क्वी देखि तेरी मुखड़ी त फेर नि देखि क्वी । मौळ्यार लै गई हैर्याळू कै गई एक डाळी जमै त्वेन फेर...

ह्यूं हिमालै

ह्यूं हिमालै सि चम्म, सूरज अगासै सि दम्म, गढ़ देस मेरु, उत्तराखण्ड मेरु चम्म चमकणू रओ, दम्म दमकणू रओ! अन्न धन्नै पुंगड़्यों, चखळ-पखळ रओ लैंदा पाणी तुरसै कि...

अबीर गुलाल

ऐंसु फागूण इनु रंग लीक एै जु गात हि ना मन भि रंगै द्यौ अबीर गुलाल लगी, पिंगळू लाल लगी फोंजि त फुंज्यैगे उड़िगे ध्वैयेगे ऐंसु फागूण इनु...

आतंकवाद

धर्म क नौ पर काम अधर्म का भुगतणी छ जन्ता,फल यूंका कुर्कमु का ऊं पछाणा भुलौं,ऊं पछाणा दिदौं सि न तुमारा, छन न हमारा छन बिबलाणा छन बाळा,लुल्यामार...

आलि मेरि याद

आज रूसै क भिंगरैक,द्यू माया कू बुझैक मन अंध्यारू कैक जाणि छै त ज, पर, आलि मेरि याद,त्वै रूवालि मेरि याद बगलि बसंती बयार आलि फुलू...

चेत नि आई

जाळि आंख्यौं क सारा,झुठ्ठा सौं क भरांेसा पंथ माया क हिटी, धारू गाडु रिटि-रिटि घुण्डी मुण्डी थिच्यै ग्याई, तौभि चेत नि आई सुन्नि मुन्नि जिदेरू न पर्वाण...

टुख्ख

टुख्ख, यनि कांगसा जु मनखि,चैन-पसु, डाळि-बोटि मर्ंया-ज्यूंदा सबु म पकदि एक यनि तृष्णा जींकु क्वी ओर छोर नी टुख्ख पौंछणक दिन रात हाड-मांस गळौण पड़दन अर काया ह्वै जांदि क्वांसि जन-जन टुख्ख...
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