Poetry

पिड़ा

घर गौं मुल्क छुटण की क्य होंदि पिड़ा उठण की पड़ा ऊं आंख्याौं म बिती जौं पर पुछा टीरि क रैबास्यौं बिती जौं पर कम्पनसेसन का पैसौंन कुड़ि...

Om Badhani

Om Badhani is a renown & Established Folk Singer Poet,Writer and Composer of Garhwal Uttarakhand  who is willingly & responsibily working for Garhwali Language,Litrature,Folk...

खिस्सा

खिस्सा उन त कपडा़ कि सिलीं थैलकि होंदु पर यैकि महिमा अपार छ अर यैकि दासि सारि पिरथि छ किलै कि मनखि न...

मनखि रे

मनखि रे तेरा मन की नि जाणि कैन, नि पछाणि कैन खिल-खिल हैंसदा मुखड़ा ,पित्त पक्यां जिकुड़ा आस विस्वास कि डाळि, सुकाई त्वैन छपकाई त्वैन मनखि रे तेरा...

गैल्या परदेसी

गैल्या परदेसी हे भौंर परदेसी तु छै घड़ेकौ उलार जन सुपन्यू त्यौहार मेळा कौथीगै कि भीड़ व्याखुनी दाँ वार पार आँखि बच्याली ज्यू मिलला माया कि बरखा म...

टुख्ख

टुख्ख, यनि कांगसा जु मनखि,चैन-पसु, डाळि-बोटि मर्ंया-ज्यूंदा सबु म पकदि एक यनि तृष्णा जींकु क्वी ओर छोर नी टुख्ख पौंछणक दिन रात हाड-मांस गळौण पड़दन अर काया ह्वै जांदि क्वांसि जन-जन टुख्ख...

फूलदेई

फूलदेई फूलदेई - फूलदेई ऐगे फूल संगरांद सुफल करो नयो साल श्री भगवान उल्यारी झुल्यारी मुलक चळा गेैल्यों फुलुक रंगीळे फांगुण जैगे नाचदु मैनु चैत...

ह्यूं हिमालै

ह्यूं हिमालै सि चम्म, सूरज अगासै सि दम्म, गढ़ देस मेरु, उत्तराखण्ड मेरु चम्म चमकणू रओ, दम्म दमकणू रओ! अन्न धन्नै पुंगड़्यों, चखळ-पखळ रओ लैंदा पाणी तुरसै कि...

सुपन्यू देखी छयो

सुपन्यू देखी छयो जू पूरू ह्वैगे आस कै छै जैकी, उ मेरू ह्वैगे मन बोळ्नू छ उडणौ, नचणौ छमा छम्म जग्वाळ मेरी पाठ पड़िगे सजायूं सुपन्यू सच्चू ह्वैगे मै...

गंगा माई

माथमी माई गंगा माई जय मां गंगे हर-हर गंगे जय हो धर्मी हो राजा भगीरथ महान तेरा परताप हमुन पाई यू बरदान शिव जटा...

मेरू मैत

मेरू मैत पाणी म समाणू छ गौं मुल्क पाणी म समाणू छ धारा मंगरा...

होरि

मुखड़्यौं म बसंत जिकुड़्यौं म उलार लेकि एैगे-एैगे होळी कु त्यौहार भांति-भांति की मिठै, रंगू कि छलार लेकि एैगे-एैगे होळी कु त्यौहार टल्खि फूलु कि ओढि मुल-मुल हैंसणी ब्यौलि...

घ्यानमाळा

कालू भण्डारी होलू अनमतो धनमतो जोवनमतो भड , सुपन्यौं मां देखे वैन बांद ध्यानमाळ , चांदी की सेज देखी सोना का फूल , हिया सूरज देखी...

बुरा सुपन्या

अचक्याल मैतैं बुरा-बुरा सुपन्य आणा छन हाथ म लिन्यूं छ टिपड़ू पण्डा जि दिखेणा छन सीधु साधु लाटु कालू बै बाबू कु भक्त छौं मै ब्यौ...

स्येळि

मुखड़ि फूल सि खिलिगे होलि जिकुड़ि म स्येळि पड़िगे होलि मै खारू ह्वैग्यों माटम् मिलग्यों त क्य तु मुकुट सि मुंड म सजिगे होली प्रीत हारि, हारिगे त...

मेरू गौं

भोळ कथा ह्वै जालू कथगुळ्यों मां रै जालू मेरू गौं आस कु भारू पीठि मां बांध्यूं रैगी जागदू रैगे गौं विकास सैरू मां स्यैगी बिसूण खोजदु रैगे मेरू गौं दिवाली...

चेत नि आई

जाळि आंख्यौं क सारा,झुठ्ठा सौं क भरांेसा पंथ माया क हिटी, धारू गाडु रिटि-रिटि घुण्डी मुण्डी थिच्यै ग्याई, तौभि चेत नि आई सुन्नि मुन्नि जिदेरू न पर्वाण...

ठंगरा

जमै बडै पाळि पोसी हैरीं डाळि ह्वै गई ठंगरा ह्वैग्यों आज हम तु अजाण ह्वै गई हे मेरा तु अजाण ह्वै गई संसर्धारी पिलाइ कोखि म नौ...

उमाळ

फेर उमळी उमाळ जिकुड़ि म तर खत्यैनि आंसु मुखड़ि म सरिन बादळ खुद क जिकुड़ि म बरख्या बादळ आंसु क मुखड़ि म तेरि माया कि कुटमुणि फूल...

तेरि याद

आई तेरि याद, तब आई तेरि याद क्वी कुटमुणी जु देखि फूल बणदा क्वी भांैरू देखि फूल पर उड़दा तब आई तेरि याद कैकि गल्वाड़्यौं म एक लटुली...
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