Poetry

दुकस्ठी

छि भै तेरी कनी य दुकस्ठी करीं छ माया त तातू दूध हुयीं छ भुलि जाणु औख्खु नि बिसरूं त मुसकिल जिकुड़ी कु मेरी उदकट्ट हुयीं छ माछि...

कु नजर

बाड़ बंणाग मनस्वाग,कबर्योेेेेंकु भ्यूंचाळ कैकि नजर लगि होलि मेरा कुमौं गढवाळ हव बदळीं-बदळीं सळ-सळु ह्वै पाणी गैल अपड़ा विराणा तौभि खळ-खळु पराणी पंचनाम बौगा हुयां बौगु खेतरपाल कैकि...

उमाळ

फेर उमळी उमाळ जिकुड़ि म तर खत्यैनि आंसु मुखड़ि म सरिन बादळ खुद क जिकुड़ि म बरख्या बादळ आंसु क मुखड़ि म तेरि माया कि कुटमुणि फूल...

चेत नि आई

जाळि आंख्यौं क सारा,झुठ्ठा सौं क भरांेसा पंथ माया क हिटी, धारू गाडु रिटि-रिटि घुण्डी मुण्डी थिच्यै ग्याई, तौभि चेत नि आई सुन्नि मुन्नि जिदेरू न पर्वाण...

खुद

हिया रणमिणी लगैगे-लगैगे खुद वीं भग्यानी की मन उदासू सरैगे-सरैगे खुद वीं भग्यानी की खांद खै नि सक्यौं,स्येंद स्यै नि सकी उठि हूक इनी हिटि न थौ खै...

निर्भागि चैतु

चार पैसि हाथ म ऐन अर जिकुड़ि लगि कबळाण घत् लगदै पौंछिगे उमेदु क अचानक होटल म जख कच्चि अर मच्छि रतब्याणि तैयार ह्वै जांदिन चार दिन पैलि बड़ु नौनु बिमार...

फूलदेई

फूलदेई फूलदेई - फूलदेई ऐगे फूल संगरांद सुफल करो नयो साल श्री भगवान उल्यारी झुल्यारी मुलक चळा गेैल्यों फुलुक रंगीळे फांगुण जैगे नाचदु मैनु चैत...

डांड्यों कौंला डेरू

छोड़ ईं दुन्यां यूं माया क जिदेरू हिट छान्यौं कौंला डेरू यख नी क्वी तेरू मेरू हिट छान्यौं कौंला डेरू ओडु घसारि कैकु, न बिज्वाड़ कुद्याई आवो बतावो क्वी,कैकु...

मेरू मैत

मेरू मैत पाणी म समाणू छ गौं मुल्क पाणी म समाणू छ धारा मंगरा...

पैलित् यूँ आंख्यों म…….

पैलित् यूँ आंख्यों म बसी नी क्वी देखि तेरी मुखड़ी त फेर नि देखि क्वी । मौळ्यार लै गई हैर्याळू कै गई एक डाळी जमै त्वेन फेर...

फौजि

जणि लियूं चा, अजाणम् लियूं छ भल्यां मा लियूं , चा औख्यांमा लियूं छ जन भी हो बस, चित बुझायूं छ फौजी छौं, सेवा धरम लियूं छ देस...

मन समाळ

आंख्यों मां निंद निन्द्रा सुपिन्या सुपिन्यों देखेदि तु घर मां बणु मां गौं गुठ्यारू मां संगता तू हि तू मैक हांेयी जिबाल तु बोदि...

घ्यानमाळा

कालू भण्डारी होलू अनमतो धनमतो जोवनमतो भड , सुपन्यौं मां देखे वैन बांद ध्यानमाळ , चांदी की सेज देखी सोना का फूल , हिया सूरज देखी...

मनखि रे

मनखि रे तेरा मन की नि जाणि कैन, नि पछाणि कैन खिल-खिल हैंसदा मुखड़ा ,पित्त पक्यां जिकुड़ा आस विस्वास कि डाळि, सुकाई त्वैन छपकाई त्वैन मनखि रे तेरा...

तेरि याद

आई तेरि याद, तब आई तेरि याद क्वी कुटमुणी जु देखि फूल बणदा क्वी भांैरू देखि फूल पर उड़दा तब आई तेरि याद कैकि गल्वाड़्यौं म एक लटुली...

स्येळि

मुखड़ि फूल सि खिलिगे होलि जिकुड़ि म स्येळि पड़िगे होलि मै खारू ह्वैग्यों माटम् मिलग्यों त क्य तु मुकुट सि मुंड म सजिगे होली प्रीत हारि, हारिगे त...

खित हैंसिक

वत खित हैंसिक बाट लगिगे मेरि जिकुड़ी अबाट धोळिगे ह्वैगे स्य जोन मै चकोर स्वाणा सुपन्यों क बग्वान मा झिल मिल ख्यालु क असमान मा उडणु छौं लगिन पंखूर कुमळाईं...

जगवाळ

छै तु भि हुयाीं गुप चुप,छौं मैभि होयुं चुप-चुप फूल हमारी माया कु खिललू कनक्वै मन त्वैमा मैन जब खोली थौ सोचि द्यौलु जबाब त्वैन बोली थौ मै...

बुरा सुपन्या

अचक्याल मैतैं बुरा-बुरा सुपन्य आणा छन हाथ म लिन्यूं छ टिपड़ू पण्डा जि दिखेणा छन सीधु साधु लाटु कालू बै बाबू कु भक्त छौं मै ब्यौ...

बाडुळी

लैगे बाडुळी लैगे पराज,एैगे सुवा कु रैबार आज भौळ म साल बितीगे कब एैला स्वामि घर रितु एैन गैन तरसौंदि रैन स्वाणी मुखड़ी क दरसन नी पैन फोटु...
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