तेल बिना बातुली वाण बिना लगुली सि छौं त्वै बिना आज चिताई
तु दुरू ह्वै त भारी याद आई

हाथ बिना धगुली नाक बिना नथुली सिं छौं त्वै बिना आज चिताई
तु दुरू ह्वै त भारी याद आई

उमर कु लगुलू गैल्या गैला गैली पंगरी
बाळा दगड़ा कुजांण कबरी मांया अंगरी
जिकुड़ी धकद्यै जाणु – सर्मेजाणू
तेरू नौ सुणी गात झझरै जाणू
याद आई

तेरी झळक देखी दिन हैंसदा कटि जादू छौ
नि दिखेंदी जै दिन मन उगतै जांदू छौ
कौलेज मां आंॅख्यों-आॅख्यों म बच्याणू
द्वी धड़ी यखलू निरालू खोज्याणु
याद आई ।

गंगा छाला बैठी सुपन्या सजौंणा
रेत कु घर बणौंण नौ लेखणा मठौंणा
रूमकि दौं मन मारी घर जाणु
हाड़ पल्टी-पल्टी रात बितौणु
आद आई

हैंसणु बिसरिग्यों मुखड़ी उदासू जमीगे
त्वै सी बिछड़्यों मेरी दुन्यां थमीगे
मेरू मुग्यै जाणु तेरू पुल्योंदी राणु
खटु मिठु खलौणु और अंग्वाळी लगौंणु
याद आई

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