स्थापना दिवस की बधाई
“”लोकरंग उत्तरकाशी””
अपने एक वर्ष के छोटे से जीवन काल में लोकरंग उत्तरकाशी ने कई अनूठे कार्य किये जैसे लोकरंग साहित्य उत्सव ,उत्तरकाशी में पहली बार उमेश डोभाल स्मृति समारोह और 29 सितम्बर 2016 रात्रि रामलीला के दौरान ऐतिहासिक काव्यगोष्ठि संभवतः ये पहला अवसर होगा जब किसी रामलीला मंच से लोकभाषा को बचाने की बात बड़े सशक्त ढंग से रखी गयी । इसके लिए लोकरंग श्रद्धेय नरेन्द्र सिंह नेगी,गणेश खुगशाल “गणी”का विशेष आभारी है पांडाल में बैठे सेकड़ों और टिहरी एवम् उत्तरकाशी में केवल से रामलीला का सीधा प्रसारण देख रहे हज़ारों दर्शकों को लोकभाषा आंदोलन का सन्देश “अपनी भाषा को बचाओ”संप्रेषित किया गया,गावँ-गावँ तक ये बात पहुंचे कि हमें विकास के साथ-साथ अपनी परम्पराओं अपनी भाषा को भी बचाना है । लोकरंग के इस प्रयास में सहयोग के लिए आभार श्रद्धेय नेगी जी एवम् गणी जी । इसी क्रम में लोकरंग 16 अक्टूबर को अपने स्थापना दिवस पर नए लिखने वाले कवियों के लिए विशेष गोष्ठी का आयोजन भी कर रहा है।
एक वर्ष के इस छोटे से समय में सर्व श्री प्रमोद पैन्यूली,मदनमोहन बिजल्वाण,सुरक्षा रावत,राजीव तलवाड़,सुनील नवप्रभात,राजेश जोशी,मोहन डबराल,चिरंजीव सेमवाल,कन्हैया सेमवाल,नवीन कठैत,राजा राम भट्ट,मंगल सिंह चौहान,एवम् सुरेन्द्र पूरी आदि अनेकों साथियों का अवस्मरणीय योगदान, सहयोग और लोकभाषा, संस्कृति के लिए संवेदना ही थीं कि लोकरंग कई उद्देशय परक कार्य समाज के लिए कर पाया। बधाई एवम् साधुवाद बन्धुओं। हम सब ऐसे ही और अधिक ऊर्जा के साथ समाज के लिए अपने उत्तर दायित्वों का निर्वाहन करते रहेंगे ऐसी आशा और विश्वास है । बधाई ।