गंगा सि जुड़्यां औखाणा

1-गंगा म क्यांकु घाटु , पेणक गंगा जल खाणक आटु ।
2-सौलै क्य लगदि गंगा पर ।
3-गंगा माँ क जौ ।
4-गाड मिलै कि गंगा ।
5-गंगा दुरू पर फाळ नजिकु ।
6-गंगा गै त गंगा दास,जमुना गै त जमुना दास ।
7-अपणी गंगा क्वी उब्बो नह्यो उन्दो नह्यो ।
8-जद कद गंगा सौरौं पार ।
9-दिन डुबि चलि धार,चला गंगा पार ।
10-बगदि गंगा हात धोणु ।
11-मेरि गंगा होलि त मैमु आलि ।
12-गंगा वारौ कोड़ी,गंगा पारा कोड़ि तरकू ।
13-मुफ्त कि गंगा हराम कु गोता ।
14-बरखु गंगाड़ ता सोना संगाड़ ,अबरखु ता खारै पिंगाड़ ।
15-मन चंगा त आंगण गंगा ।
16-गाड गदरू गंगा नि ह्वै सकदि ।
17-दैव बसदु गंगा पार,पर ध्यान वैको आर-पार ।
18-गंगा क्य नी दौं दगड़ा ल्यौंदि,तौ भि अपड़ु सत नि खोंदि ।
19-गंगा गोटणि अर मन गोटणु यक्कसर ।
20-झुठ्ठि लगाणी गंगा पार जु रै जावो दिन चार ।

संकलन — ओम बधाणी

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