गढ़वाळी कविता यात्रा कु इतिहास भौत पुराणू छ पर कभि स्वानतः सुखाय अर साहित्य बढ़ौण का वास्ता लिखे जाण वाळी गढ़वाळी कविता आज भासा बचैण कु साधन बणिगे, वर्तमान समै मा जब सूचना संचार प्रौद्योगिकी का विकास का कारण पुरू संसार एक गौं मा बदळिगे इना मा भासा संस्कृति एक भौत बड़ा संक्रमण का दौर से गुजरणी छ अर ये संक्रमण कु सबसे बडु नुकसान क्षेत्रीय भासौं तैं होणू छ, वूं भासौं मा गढ़वाळी भी एक भासा छ, रैबासी गौं समाज छोड़ी भरै जाणा छन त नया समाज कि संस्कृति सिखणा छन अर धीरा- धीरा अपड़ी भासा बोळन् मा सरमाणा छन, नयी पीढ़ी भासा सिखणी नीछ त भासा धीरा-धीरा खत्म होणी छ, य प्रक्रिया भौत समै पैलि बिटि चळनी छ अर भासा कि चिन्ता करण वाळा लोग ईं बचैंण का वास्ता काम भि कना छन किलैकि भासा अर संस्कृति एक हैंका का पुरक छन, भासा मरली त संस्कृति भि मरि जाली, त भासा बचैंण का वास्ता रचनाकार साहित्यकार ज्यू ज्यान सि कोसिस कना रैन अर कना छन वर्तमान काल मा भासा बचैंण कि लडै़ लड़न वाळा जु वरिष्ठ सिपै मौजूद छन वूंमा सर्व श्री लोकेश नवानी जौंन दिल्ली बटि य लड़ै शुरू करि फिर देहरादून अर गढवाळ मा पौंछै।, श्री देवेन्द्र जोशी मदन डुकलान, आदि इना लेखवार छन जौंन लिखण का साथ-साथ मंच भी तैयार करि अर जन्ता क बिच कविता पांैछौंण का प्रयास करिन, यांकु फैदा भि ह्वै नया कवि तैयार ह्वैन अर साहित्य छपेण भि बैठी, साथ ही पौड़ी मा श्री विरेन्द्र पंवार, गणेश खुगशाल गंणी, उत्तरकाशी मा लोकरंग उत्तराखण्ड का माध्यम सि ओम बधाणी, देहरादून मा चिठ्ठी पत्री का संपादक मदन डुकलान, गिरीश सुन्दरियाल, शान्ति प्रसाद ’’जिज्ञासू’’ दिल्ली मा दिनेश ध्यानी,ललित केशवान, ऋषिकेश मा हेमवन्ती नन्दन भट्ट ’हेमू’ यना कई साहित्यकार/लेखवार छन जु गढवाळी कविता तैं जन-जन तक पौछौंण का वास्ता विसेस रूप से सक्रिय छन अर लिखण का दगड़ा आयोजन/संयोजन भि करणा छन, दिल्ली मा क्च्डप् दिल्ली का निदेशक डाॅ0 विनोद बच्छेती , सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल देहरादून हर साल पवांण कार्यक्रम का माध्यम से अर स्कूली बच्चों तैं गढवाळी भासा पढ़ैक अर ऊमां रचना धर्मिता का वास्ता कार्य करणा छन, अर यंू सभ्भी प्रयासु का केन्द्र मा गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी छन जौंन गीतु का माध्यम सि गढ़वाळी लोक का रंग जन मानस का सामणी प्रस्तुत करिन अर कवि सम्मेलनों का मंच पर ऐक जन्ता तैं कविता सि भि जोड़ि अर दगड़ा मा नया संयोजक/लेखवार प्रोत्साहित भि करि लेकिन वर्तमान समै मा पिछला 14 वर्षों बिटि श्री ओम प्रकाश सेमवाल का नेतृत्व मा कलश संस्था रूद्रप्रयाग द्वारा जु कार्य करे गै वैन ये आन्दोलन कि दिसा बदळी द्यै अलकनन्दा, मन्दाकनी घाटी मा छोटा से बड़ा सभी आयोजनु मा कवि सम्मेलन एक जरूरत ह्वैगे कलश का ई आयोजन क्षेत्र विसेस मा बन्धिक नि रैन बल्कि देहरादून दिल्ली तक पौंछिगिन गढवाळी कविता का वास्ता उत्सुकता, लगाव अर जागरूकता, फैलौण कु माहौल बणौण मा जु काम कलश द्वारा करेणू छ व अद्धितीय छ कलश संस्था वर्तमान समै मा सबसे अधिक ऊर्जा शक्ति का साथ लोक भाषा आन्दोलन तैं अगनै बढ़ौणी छ अभी तक करीब 270 कवि सम्मेलन जौंमा 28 बार गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी भि मंच पर उपस्थित रैंन, का माध्यम सि सेकड़ौं कवियों तैं मंच देण का साथ-साथ कलश अभितक 25 कवियों कि किताब्यों कु लोकार्पण अर करीब 70 नई छ्वाळी का कवि अलकनन्दा अर मंदाकिनी घाटी मा तैयार करि लिन जु भौत सुन्दर लिखण का साथ-साथ भासा तैं अगनै बढ़ौंण का वास्ता माहौल तैयार करना छन, ’कलश’ समाज,संस्थाओं अर समाज का लोगू तैं र्भि इं जात्रा मा जोड़नी छ अर जात्री बढ़दि जाणा छन रूद्रप्रयाग, चमोली का गौं- गौं का आज कवि सम्मेलन कु आयोजन कलश करणू छ यांका अलावा ऋषिकेश, देहरादून अर पिछला 3 साल बटि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली मां भि कलश कवि सम्मेलन का माध्यम से गढवाळी भासा का सम्बन्ध मा उल्लेखनीय कार्य करणी छ ई श्रृंखला मा दिल्ली हाईकोर्ट मा अधिवक्ता अर सौलिसिटर श्री संजय शर्मा दरमोडा अर कारोबारी नरेन सेमवाल का सौजन्य से कलश ट्रस्ट रूद्रप्रयाग द्वारा विराट गढवाळी कवि सम्मेलन कु आयोजन होटल क्लार्क इन वैशाली गाजियाबाद मां करे गये जैमा दिल्ली मा निवास करण वाळा समस्त प्रवासी गढवाळी भैं बन्ध जांैमा बुद्धिजीवी, समाज सेवक व्यवसायी उपस्थित रैन। 25 दिसम्बर कु गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी जी कि उपस्थिति मा विराट गढ़वाळी कवि सम्मेलन मा नेगी जी का साथ गणेश खुगशाल’’गणि’’(पौड़ि),मदन डुकलान(देहरादून),ओम प्रकाश सेमवाल(रूद्रप्रयाग),ओम बधाणी(उत्तरकाशी),जगदम्बा चमोला(रूद्रप्रयाग),तेजपाल सिंह रावत निर्मोही(चमोली),सुधीर बत्र्वाल(रूद्रप्रयाग),डाॅ0 मनीष सेमवाल(जकार्ता),अशोक सेमवाल सुबोध(दिल्ली),वीर सिंह राणा(टिहरी),पृथ्वी सिंह केदारखण्डी(दिल्ली) अर श्रीमती उमा भट्ट(देहरादून) सम्मिलित्त ह्वैन जौंन अपड़ि सुन्दर रचनाओं सि स्रोताओं कि जिकुड़ि मा कुतग्याळी लगै दिनि अर उंमा गढ़वाळी कविता का वास्ता रूचि भि पैदा करि जुकि ये आयोजन कु मुख्य उदृदेश्य भि थौ।यु कवि सम्मेलन एक लोक भाषा आन्दोलन कि यात्रा तैं और जादा उर्जा देण मा इनु सफल रै कि येन भविष्य का द्वार खोलिन अर आशा जगैगे कि ये आयोजन का आयोजक दिल्ली हाईकोर्ट मा अधिवक्ता अर सौलिसिटर श्री संजय शर्मा दरमोडा अर कारोबारी नरेन सेमवाल जना जागरूक अर अपड़ी भाषा से प्रेम करण वाळा गढ़वाळी यूं युवाओं कि चार और भि गढ़वाळी युवा अर और भि भै-बन्ध अगनै ऐक ये भाषा आन्दोलन मा अपणु योगदान देला, नयी पीढ़ी अपणी भाषा सि जुड़लि अर अपणी भाषा बोळन् मा गौरव कु अनुभव करली।